सही राह चुने – Take a Right Path

एक समय की बात है एक पिता ने अपने दो बेटों को बुलाया और उन्हें एक काम करने के लिए दिया। उन्होंने दोनों को कुछ पैसे भी दिए और कहा की चलो देखते हैं यह  काम कौन जल्दी सीखता है। उन्होंने सोच की चलो देखते हैं उस कार्य को दोनों मे से कौन सही राह चुनकर करता है।

सो उनके दोनों बेटे उनके पिता के दिए काम को करने चले गए ।

किसने चुनी सही राह –

पहले बेटे ने सोचा की वह इस काम को जल्दी करके पिता की तारीफ का हकदार बनेगा।  सो उसने यह काम किसी जानकार व्यक्ति को दे दिया । और पैसे देकर वह काम जल्दी से करवा लिया । और जल्दी से जाकर अपने पिता को उसने सूचना दि की उनके द्वारा दिया हुआ कार्य हो गया है।

अब दूसरा बेटा काफी देर बाद घर लौटता है तथा अपने पिता को यह बताता है की उनके द्वारा दिया कार्य पूर्ण हो गया है। सो जब उसके पिता ने उससे देरी की वजह पूछी तो उसने बताया की उसे वह कार्य नहीं आता था । सो उसने वह कार्य पहले सीखा और फिर वह कार्य उसने खुद ही किया । इसी वजह से उसे आने मे इतनी देर हो गई । उसने कहा की मुझे यही सही राह लगी । और उसने बताया की अब उसने इस कार्य को अच्छे से करना सिख लिया है उसकी सारी बरीकिया सीख ली है।

सही राह (Image Credit- Photo by stoll from FreeImages)

वहीं जब पहले बेटे से पूछा गया तो उसने बताया की पिताजी आपको कार्य पूर्ण चाहिए था।  सो मैंने करवा दिया सीखा तो कभी भी जा सकता है। तब उसके पिता ने उससे कहा की बेटा तुमने सायद मेरी बात ध्यान से सुनी नहीं थी मैंने कहा था की उस काम को सीखना है और फिर करना है।

उन्होंने अपने दोनों बेटों से आगे कहा की बेटा जीवन मे राहें हमेशा दो मिलेंगी और हर वक्त सही राह  का चयन आपको स्वयं करना पड़ेगा ।

मंत्र (Mantra) –

हमेशा सही राह चुन कर ही आगे बड़ें तथा हमेशा सीखते रहें “

“सीखें Entrepreneurship क्या है? “

“Inspirational Quotes”

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